रविवार, 21 सितंबर 2008

इसे कहते हैं कामना सिद्धि

क्या यह संयोग नहीं है। मैंने दो दिन पहले ही यमुना के उस स्वरूप को अपनी स्मृतियों से बाहर निकाला था, जो अगस्त से इस माह की शुरूआत तक उन 25 दिनों तक था। मैं यमुना के कृष काय स्वरूप को देखकर दृवित हुआ था कि श्राद्ध पक्ष की बरसात ने पहाड़ों पर इतना पानी गिराया कि यमुना फिर से मन को आनंदित करने के लिए अपने स्वरूप में लौट रही हैं। आशंका तो बाढ़ की जतायी जा रही है, लेकिन मुझे भरोसा है कि यमुना कोसी के कोप को दोहराएगी नहीं। यह मेरे जैसे मानस पुत्रों की कामना पूर्ति को तत्पर रहती है। फिर भी कई आशंका जन्मी हैं अचानक। चार लाख क्यूसिक पानी की पासिंग डरा देने वाली है।
स्थिति यह है कि शुक्रवार की रात से रविवार की दोपहर तक चारलाख नौ हजार क्यूसिक पानी ताजेवाला हैड से छोड़ा गया है और यह मंगलवार से मथुरा में तबाही ला सकता है। जिला प्रशासन ने तैयारियां कर ली हैं। पुलिस और सेना को सतर्क किया गया है। पांच दर्जन गांव खाली कराए गए हैं। डेढ़ दर्जन राहत कैंप स्थापित कर दिए गए हैं। प्रशासन दिन-रात एहितयाती कदम उठाने में लगा है। मंगलवार से मथुरा, गुरुवार से आगरा और रविवार को इटावा में यह पानी पहुंचेगा।
मुझे भरोसा है कि यमुना हमारी आस्थाओं से खिलवाड़ नहीं करेगी। इसके बावजूद कि हमने उसके तन-मन और विश्वास के साथ बहुत खिलवाड़ किया है।

पवन निशान्त

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पेशे से पत्रकार और केपी ज्योतिष में अध्ययन। मोबाइल नंबर है- 09412777909 09548612647 pawannishant@yahoo.com www.live2050.com www.familypandit.com http://yameradarrlautega.blogspot.com
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