अभी जो तीन घंटे पहले आज का सबेरा हुआ है, वह कोई सामान्य सूर्योदय नहीं है। उसमें बड़ी चेतना है। बड़ी आशाएं हैं और ढेर सारा देने की लालसाएं भी हैं। क्योकि इस सूरज में आपके पुरखों का उजाला शामिल है। यह उजाला आपके जीवन में विस्तार पाना चाहता है। यह सूरज चाहता है कि पिछले साल की गलतियां न दोहराए और अंधेरा हावी न हो, कि परेशान न रहे फिर से आज के दिन अपना जन्म दिन मनाने वाला। इसलिए मैं कहता हूं, पूरे दिन, यानि कि आज के दिन इसका एहसास रहे कि यह प्रकृति, यह कायनात और हवाएं आपके साथ हैं, उनकी वजह से खुश रह सकते हैं। और पूरे साल खुश रहना है। यह बहुत मुश्किल नहीं है। ऐसा करना है आपको।
संबंध बड़े सूचक होते हैं-सिगनीफिकेटर। संबंधों में ही पता चलता है कि तुम कौन हो। क्योंकि दूसरे की आंख में तुम्हारी जो छवि बनती है, उसी को तुम देख पाते हो, खुद की कोई छवि देखने का सीधा उपाय नहीं है। तुम सीधे तो अपने आप को देख न सकोगे। देखने के लिए दर्पण चाहिए। और प्रेम बहुत कुछ सिखाता है। प्रेम से बड़ी कोई पाठशाला नहीं है। क्योंकि प्यार से ज्यादा तुम किसी मनुष्य के निकट और किसी ढंग से आते नहीं हो। जितने तुम निकट आते हो,उतने ही अंदर की आत्मा प्रगट होने लगती है। तुम भी झलकते हो, दूसरा भी झलकता है। अब दूसरा कैसे झलके, यह उसका सिरदर्द है। और इतना समझो कि प्यार की बडी़ अनूठी कीमिया है-तुम्हारे पास वही होता है, जो तुम दे देते हो। जो तुम बचा लेते हो, वह तुम्हारे पास कभी नहीं होता। दिखता है तुम्हारे पास है, लेकिन तुम उसके मालिक नहीं होते। मालिक तुम उसी के होते हो, जो तुम दे देते हो। जो बांट दिया है, उसी के मालिक हो। इसलिए इस नए वर्ष में अपना दिल छोटा न करना, कि कुछ बचा ही नहीं है। हंड्रेड परसेंट तो अभी भी बचा हुआ है, वही हंड्रेड परसेंट जो तुमने लुटा दिया था।
प्रेम का कोई लर्निंग प्रोसेस नहीं है।
इब्तिदा में ही मर गए सब यार
कौन इश्क की इंतिहा लाया।
इसलिए खाक होने की तैयारी हमेशा रखनी चाहिए। माना कि बहुत बार ऐसा लगेगा कि बड़ी देर हुई जा रही है और बुहत बार तड़फ होगी कि अब जल्दी हो औऱ बहुत बार खुद से ग्लानि होगी, शिकायत होगी बार-बार मेरे साथ ऐसा क्यों और इतनी पीड़ा क्यों, फिर भी-
क्या उसके बगैर जिंदगानी
माना वह हजार दिलशिकन है।
बहुत दिल को दुखाने वाला है, लेकिन प्यार बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं है। आप धन्य हैं कि प्रेम के रास्ते पर दुखी हैं, वे अभागे हैं जो प्रेम का नाटक कर सुखी और प्रसन्न हैं।
एक तर्जे-तगाफुल है सौ वह उनको मुबारक
एक अर्जे तमन्ना है सो हम करते रहेंगे।
एक प्रार्थना है, जो आपको करनी है, एक उपेक्षा है जो ईश्वर कर रहा है। प्रेम के सुख तो बड़े सच्चे हैं। दुख केवल भासमान है। इसलिए बुद्धिमानों ने प्रेम चुना, बुद्धिहीनों ने अहंकार चुन लिया, हांड़-मांस चुन लिया। बुद्धिमानों ने धर्म चुना, बुद्धिहीनों ने राजनीति चुन ली। इसलिए कहता हूं, समस्या तुम्हारे अंदर नहीं है। इस साल समस्या मत बनाना प्रेम को।
प्यार में हां है, स्वीकार है, प्यार में एक अहो भाव है, गीत है, नृत्य है,संगीत है। तो लाखों विकृतियां हो गयी हों प्रेम में, तो भी प्रेम को चुनना। बाकी रास्ता तो अपने आप बन जाएगा।
जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
The worldwide economic crisis and Brexit
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Brexit is a product of the worldwide economic recession, and is a step
towards extreme nationalism, growth in right wing politics, and fascism.
What is t...
8 वर्ष पहले
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