ऊंट जैसा कि सब जानते हैं, ऊंटनियों के लिए होते हैं। ऊंट, ऊंटनियों से उतना ही प्यार करते हैं,जितना कि ऊंटनियां उनसे करती हैं। ऊंट पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसकी ऊंटनी वास्तव में उससे कितना प्यार करती है। दोनों वैसे तो रेगिस्तान में ही रहते आए हैं, मगर इस ऊंट ने घर में रहना पसंद किया, सो सबसे पहले उसने घर की छत हटवा दी। ऊंट और छत एक साथ नहीं रह सकते। दोनों में जनम जात का बैर है।
ऊंटनी दिनभर घर के कामकाज निपटाती और ऊंट दिन भर बाहर मुंह मारता फिरता। ऊंट कहां-कहां मुंह मारता, ऊंटनी को यह पता नहीं चल पाता था और उस पर इससे कोई फर्क भी नहीं पड़ता था। उसने क अक्षर से शुरू होने वाले एकता कपूर के सीरियल जो नहीं देखे थे। ऊंट ने घर में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की थी, जिससे ऊंटनी का चरित्र खराब हो। ऊंटनी को भी विश्वास था कि ऊंट उसके अलावा और किस पर डोरे डाल सकता था, लेकिन ऊंटनी गलतफहमी में थी।
उसका ऊंट इन दिनों छह साल से चल रहे एक सीरियल में लगभग बुढ़ा गयी हीरोइन से इश्क लड़ा रहा था। हीरोइन अपना शॉट ओके होने के बाद ऊंट पर आकर बैठ जाती और ऊंट उसे स्टुडियो के बाहर-भीतर यह दिखाकर लाता कि एक वही हीरोइन नहीं है, जो इस ऊंट के प्यार में पड़ गयी है, और भी कई एक्ट्रेस हैं, जो ऐसे ही टाइम पास कर रही हैं। ज्यादातर एक्ट्रेस कुत्तों के प्यार में पड़ी हुई थीं और एक बड़ी हीरोइन एक सूअर टाइप आदमी के साथ चिपकी हुई थी। एक नामी एक्ट्रेस एक गधे के इश्क में पड़ चुकी थी और सारे गधे इस बात पर गर्व महसूस कर रहे थे कि गधे भी इश्क कर सकते हैं। मिसेज गधी वैसे इस नए घटनाक्रम से खुद को अपमानित महसूस कर रही थी, यह उसके प्यार के साथ बड़ी चीटिंग थी, लेकिन उसने अपने गधे का स्टेट्स बढ़ने के साथ ही उसे माफ भी कर दिया था।
मेनका गांधी की चिट्ठी लेकर इन दिनों हर कोई जानवरों के पास पहुंच रहा था। बालीबुड का प्रेम तो इन दिनों कुछ ज्यादा ही उमड़ने लगा था, यह तो ऊंट को पता था, लेकिन उसे यह जानकर बड़ी हैरानी हुई कि एक हीरो एक ऊंटनी के इश्क में पड़ गया है। मामला गंभीर था, सो ऊंट उस बुढ़ाती हीरोइन को अपनी पीठ से फेंक कर तेजी से अपने घर की ओर भागा। घर पर ऊंटनी नहीं मिली तो ऊंट बिलबिला गया। हांफता हुआ दौड़ने लगा। ऊंटनी उसे घर की छत पर बैठी मिली। छत रेगिस्तान में पड़ी हुई थी, लेकिन ऊंटनी उसे अकेली मिली। उसकी जान में जान आयी। ऊंटनी जोर-जोर से हंस रही थी।
बहुत दूर एक ऊंटनी दो कुत्तों के साथ खेल रही थी। दूसरी, एक सूअर के साथ फेरे ले रही थी। कुछ ऊंटनियां टपोरी टाइप लड़कों को लाइन मार रही थीं। कुछ ऊंटनियों को एक डायरेक्टर सा दिखना वाला आदमी समझा रहा था कि ऊंटों ने वास्तव में उनके साथ अच्छा नहीं किया, पर वह चिंता न करें। वह अपने वृत्त चित्र में दिखलाएगा कि ऊंटनियों ने किस तरह जीवन से समझौता किया और अपने कद की परवाह न करते हुए छोटे कद वालों को हमेशा सम्मान बख्शा है।
The worldwide economic crisis and Brexit
-
Brexit is a product of the worldwide economic recession, and is a step
towards extreme nationalism, growth in right wing politics, and fascism.
What is t...
8 वर्ष पहले
3 टिप्पणियां:
dilchasp likha hai..jari rakhen.
मजेदार रही यह चिड़ियाघर से पकड़े गये बिम्बों के माध्यम से कही गई कथा.
sach me aap kafi acha or majedar likhte hai mujhe sach me aapka blog bhut pasand aaya.
http://lofer.blogsmine.com
एक टिप्पणी भेजें